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महाकाल लोक बनने के बाद बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या:15 मिनट में महाकाल दर्शन, पहले दिन अवंतिका द्वार से 530 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे
- भस्मारती को 1 दिन मुफ्त करने की बात रखेंगे
महाकाल लोक बनने के बाद बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या से दर्शन करने में पीछे रह रहे उज्जैन के रहवासियों के लिए मंगलवार का दिन राहत भरा रहा। मंदिर में अवंतिका द्वार के नाम से उज्जैन के लोगों के लिए दर्शन की नई व्यवस्था शुरू की गई। शुभारंभ महापौर मुकेश टटवाल ने किया। पार्षद और एमआईसी सदस्यों के साथ पहुंचने महापौर ने आधार कार्ड दिखाकर सबसे पहले दर्शन किए।
महाकाल मंदिर के गेट नंबर एक को अवंतिका द्वार बनाया गया है। अभी तक दो घंटे से ज्यादा समय लगता था, वहीं कई बार भीड़ बढ़ने पर यह समय और बढ़ जाता है। वहीं शीघ्र दर्शन के लिए जाओ तो 250 रुपए टिकट लेना पड़ते थे। ऐसे में अवंतिका द्वार बनाया गया, जहां से 15 मिनट में दर्शन हो गए। पहले दिन 530 श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। ऐसी ही एक श्रद्धालु कतार में लगी परेशान हो रही थी, समिति सदस्यों ने बताया कि उज्जैन वालों के लिए नया गेट शुरू हुआ है।
कृष्णा कॉलोनी निवासी गीताबाई के पास आधार कार्ड भी था। गेट नंबर एक पर पहुंची और आधार कार्ड दिखाकर अंदर प्रवेश किया। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से उज्जैन के लोगों को महाकाल के दर्शन करने में सुविधा मिलेगी। अवंतिका द्वार के शुभारंभ के दौरान फार्मेसी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष ओम जैन, महामंत्री विशाल राजौरिया, मंडल अध्यक्ष अजय तिवारी, निगमायुक्त रोशन सिंह, अपर आयुक्त आदित्य नागर, एमआईसी सदस्य व पार्षद मौजूद रहे।
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि नई व्यवस्था के पहले दिन आधार कार्ड देखकर सभी को प्रवेश दिया गया। 530 श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। समय भी 15 मिनट ही लगा। अभी आधार कार्ड देखकर प्रवेश दिया। जल्द ही महाकाल मंदिर की वेबसाइट के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिस पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद आधार कार्ड भी नहीं लाना होगा।
रजिस्ट्रेशन के बाद आधार नहीं लाना पड़ेगा
“उज्जैन के रहवासियों को महाकाल के सुगम दर्शन हो सके, इसलिए अवंतिका गेट शुरू किया है। अब भस्मारती को मुफ्त करने की बात रखेंगे। सप्ताह में एक दिन तय हो, जिस दिन उज्जैन के रहवासी भस्मारती मुफ्त कर पाएं।”
मुकेश टटवाल, महापौर